Meghalaya Best place cherrapunji for monsoon trip

मेघालय एक बेहद खूबसूरत जगह है. बारिश के मौसम में तो इसकी खूबसूरती और बढ़ जाती है. मानसून में उत्तराखंड और हिमाचल की सैर नहीं करना चाहते हैं तो आप मेघालय की ट्रिप प्लान कर सकते हैं. मेघालय से कुछ ही घंटों की दूरी पर एक ऐसी जगह है जहां जाकर आपको किसी अलग ही दुनिया का अहसास होगा. यह जगह अपनी प्रकृति खूबसूरती के लिए जानी जाती है.

हम बात कर रहे हैं मेघालय की वादियों में बसे चेरापुंजी की. ये नेचर लवर्स के लिए परफेक्ट डेस्टिनेशन हो सकता है. बरसात की नमी से भीगी हुई पहाड़ियां, चारों तरफ हरियाली, झरनों की मधुर आवाज और बादलों के पीछे छिपी सूरज की किरणें. चेरापुंजी का हर दृश्य मानो किसी पेंटिंग से निकलकर हकीकत में उतर आया हो. यह जगह न केवल प्रकृति प्रेमियों के लिए खास है, बल्कि उन लोगों के लिए भी आदर्श है जो शांति, सुकून और रोमांच एक साथ पाना चाहते हैं. तो चलिए जानते हैं कि यहां कैसे पहुंचा जाए और यहां क्या-क्या कर सकते हैं.

चेरापुंजी की खासियत

चेरापुंजी को दुनिया के सबसे ज्यादा वर्षा वाले क्षेत्रों में गिना जाता है, लेकिन यहां की खूबसूरती सिर्फ बारिश तक सीमित नहीं है. मेघालय की राजधानी शिलॉंग से लगभग 2-3 घंटे की दूरी पर स्थित छोटा-सा हिल स्टेशन आज भी अपनी पारंपरिक सुंदरता को बरकरार रखे हुए है. यहां के लिविंग रूट ब्रिज, नोहकालीकाई वाटरफॉल, मावस्माई गुफाएं और दावकी नदी के नीले पानी जैसे प्राकृतिक अजूबे इस जगह को और भी खास बना देते हैं.

क्या-क्या है खास चेरापुंजी में?

लिविंग रूट ब्रिज – पेड़ों की जड़ों से बना ये नेचुरल पुल बेहद यूनिक है. खासी जनजाति के लोग पीढ़ियों से इन जड़ों को आपस में जोड़कर पुल बनाते आए हैं, जो देखने लायक है.

नोहकालीकाई वाटरफॉल- भारत का सबसे ऊंचा एकल झरना. यह झरना इतनी ऊंचाई से गिरता है कि देखने वाले हैरान रह जाते हैं. इसकी कहानी भी उतनी ही दिलचस्प और रहस्यमयी है.

मावस्माई और अरवाह गुफाएं- इन चूना पत्थर की गुफाओं के भीतर जाना किसी रोमांच से कम नहीं. ये गुफाएं प्राकृतिक रूप से बनी हैं और अंदर की संरचना देखकर आप दंग रह जाएंगे.

दावकी नदी- चेरापुंजी से थोड़ी दूरी पर स्थित यह नदी इतनी साफ होती है कि उसमें नाव मानो हवा में तैरती दिखती है. यहां बोटिंग का अनुभव जिंदगी भर याद रहता है.

कैसे पहुंचें चेरापुंजी?

चेरापुंजी पहुंचने के लिए सबसे पहले शिलंग पहुंचना होग. शिलंग से टैक्सी या लोकल बस के जरिए आप 2 से 3 घंटे में चेरापुंजी पहुंच सकते हैं. रास्ते भर बादल, पहाड़ और घाटियां आपका दिल जीत लेंगी.

कब जाएं?

चेरापुंजी सालभर सुंदर रहता है, लेकिन बारिश के मौसम (जून से सितंबर) में इसकी खूबसूरती चरम पर होती है. हालांकि, मानसून में ज्यादा बारिश के कारण कुछ जगहों पर फिसलन हो सकती है, इसलिए सावधानी जरूरी है.

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