हर साल 10 जून को नेशनल हर्ब्स एंड स्पाइसेस डे मनाया जाता है. हमारे किचन में मौजूद धनिया, हल्दी, काली मिर्च और दालचीनी जैसे मसाले खाने को स्वादिष्ट बनाने में कारगर होते हैं. इनमें आयुर्वेदिक और औषधीय गुण भरपूर मात्रा में होते हैं. जो बीमारियों के खतरे को भी कम करने में हेल्प करते हैं. इस दिन का विशेष महत्व है ये दिन लोगों को जागरूक करने के लिए मनाया जाता है कि मसाले न केवल खाने का स्वाद बढ़ाते हैं बल्कि सेहत के लिए भी फायदेमंद होते हैं.
खाने का स्वाद बढ़ाने वाले मसालों की कहानी भी काफी रोचक है. पहले के जम़ाने में तो लोग घर पर मसाले पीसते थे जिससे उसकी शुद्धता बरकरार रहती थी और स्वाद दोगुना हो जाता था पर अब लोग बाजार से मसाले खरीदने लगे और उसका इस्तेमाल करने लगे. पर आज हम जानेंगे कि आखिर कैसे भारतीयों के खाने का अहम हिस्सा बनें मसाले.
नेशनल हर्ब्स एंड स्पाइसेस डे क्यों मनाया जाता है
भारत की बात करें तो हमारे देश में हर्ब्स और स्पाइसेस का इतिहास हजारों साल पुराना है. मसाले न सिर्फ स्वाद बढ़ाने बल्कि औषधीय गुणों से भी भरपूर होते हैं. भारतीय किचन में मौजूद दालचीनी, जीरा और अजवाइन समेत कई मसालों में ऐसे कई औषधीय गुण होते हैं जो हमें बीमारियों के खतरे से दूर रखते हैं. इनमें मौजूद एंटिसेप्टिक और एंटीबैक्टीरियल गुण हमारी सेहत के लिए भी फायदेमंद होते हैं. नेशनल हर्ब्स एंड स्पाइसेस डे की शुरूआत सन् 1999 में हुई थी. 1999 में इस दिन की स्थापना हुई थी वहीं भारत में इसे पहली बार 2015 में मनाना शुरू किया गया था. ये दिन मसालों और जड़ी-बूटियों के इस्तेमाल के लिए लोगों को जागरूक करने में हेल्प करता है.
आज के युग में भी इनका काफी महत्व है
आज के युग में भी लोग अपनी फिटनेस को ध्यान में रखते हुए मसालों का उपयोग करते हैं. नेचुरल हर्ब्स जैसे तुलसी, अश्वगंधा, हल्दी का इस्तेमाल हर्बल ड्रिंक्स के तौर पर होता है. डिटॉक्स ड्रिंक में भी इसका यूज किया जाता है.
हर्ब्स एंड स्पाइसेस क्यों हैं जरूरी
हम जैसे ही मसालों और जड़ी बूटियों की बात करते हैं तो हमारे दिमाग में सबसे पहले हल्दी का नाम आता है. ये एक नेचुरल एंटीसेप्टिक है जो इम्युनिटी को दुरुस्त रखने के साथ-साथ हमारे शरीर को कई बीमारियों से बचाने में मदद करती है. हल्दी को पुराने समय से कई तरीकों से इलाज में इस्तेमाल किया जा रहा है. हल्दी का दूध पीने से घाव तक ठीक होते हैं.
वहीं बात करें दालचीनी की तो ये डायबिटीज के मरीजों के लिए वरदान से कम नहीं है. क्योंकि ये शुगर कंट्रोल करने में हेल्प करती है.
तुलसी, गिलोय और अश्वगंधा जैसी जड़ी-बूटियां इमयुनिटी को बूस्ट करने में मदद करती हैं. मसाले खाने के स्वाद, रंगत और सुगंध को बढ़ाने का काम करते हैं. कई जड़ी-बूटियां आयुर्वेद में दवा के रूप में इस्तेमाल होती हैं.